In this article, we have shared Class 10 Hindi unseen passage (अपठित गद्यांश). Students can practice this , and prepare for their class 10 Hindi exam.
Class 10 Hindi exercise
Source- Bhaskar
यह प्रथा महिलाओं को वस्तु के रूप में मानती है जो केवल उनके पिता, फिर पति की है, जहां उसकी खुद की पहचान नहीं है। आपका नाम आपको परिभाषित करता है। कल्पना करें, आपके व्यक्तित्व, आपकी उपलब्धियों, सपनों, आपकी विरासत, आपकी स्वायत्तता के साथ-साथ इसे भी छोड़ दें। इसमें क्या तुक है?
विवाह में एक-दूसरे के साथ प्रतिबद्धताओं का दायरा व्यापक होना चाहिए, जहां व्यक्तिगत पहचान कायम रहने के साथ पेशेवर निरंतरता भी बनी रहे, ना कि इसमें उथल-पुथल मच जाए। शादियां तब बेहतर चलेंगी, जब यह महिलाओं को उनकी आजादी और उनकी अहमियत का अहसास कराए और पुरुषों को महिलाओं की आजादी का सम्मान करने के लिए प्रेरित करे। विवाह महिलाओं के लिए जेल नहीं होना चाहिए, बल्कि बेहतर कल की दिशा में एक कदम होना चाहिए।
जब कानून कहता है कि सरनेम बदलना व्यक्तिगत अधिकार है, ऐसे में क्या समाज को यह नहीं समझना चाहिए? एक महिला का शादी से पहले वाला सरनेम रखना उसकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपलब्धियों के लिए सम्मान का प्रतीक है, और यही उसे एक अच्छी पत्नी बनाता है। अगली बार जब आप किसी विवाह में जाएं तो याद रखें कि अगर कोई पति से उसका सरनेम बदलने के लिए नहीं कह रहा, तो पत्नी से भी ऐसा नहीं कहना चाहिए।
- Question 1- एक नाम किसी व्यक्ति को कैसे परिभाषित करता है ?
- Question 2 – उपनाम किसी व्यक्ति के बारे में क्या दर्शाता है?
- Question 3- इस परिच्छेद को 50 शब्दों में सारांशित करें
Class 10 Hindi practice paper
Source – Bhaskar
दूसरों को खुश रखिए, लेकिन खुद भी खुश रहिए। दूसरों के लिए जिएं, लेकिन अपने लिए भी जिएं। बहुत सारे लोगों को दूसरों के लिए जीने, उन्हें खुश रखने की आदत हो जाती है। इस बात को य भी कह सकते हैं कि हम दुनिया में रहें, लेकिन दुनिया हमारे भीतर न रहे।
हम दुनिया में रहेंगे, जो कि जरूरी है। ऊपरवाले ने दुनिया बनाई ही इसलिए है। झंझट तब शुरू होती है, जब हमारे भीतर हम दुनिया ले आते हैं। कृष्ण जी ने एक प्रयोग किया था। वे सबके काम आते थे, लेकिन अपनी आंतरिक प्रसन्नता को भंग नहीं होने देते थे। अपने लिए भी जीते थे। कुरुक्षेत्र के रणांगन में वे भी उतरे थे, लेकिन उनके भीतर रण नहीं उतरा।
वे बिल्कुल सहज और सरल रहे। यह हम उनसे सीख सकते हैं। हमें दुनिया में सारे काम करना है, लेकिन भीतर ईश्वर रहना चाहिए। ताकि जब भी अपने भीतर मुड़ें, अपने परमात्मा से मुलाकात हो जाए और इसका सीधा मतलब होगा कि सबके लिए जिएंगे, सबके लिए करेंगे, सबको खुश रखेंगे लेकिन खुद भी खुश रहेंगे। अपने लिए भी जीएंगे।
- Question 1 – गद्यांश के अनुसार खुश रहो और किसी को खुश करो का क्या मतलब है?
- Question 2 – लेखक ने भगवान कृष्ण के उदाहरण से क्या समझाने का प्रयास किया है?
End Note
We have shared exercise for Class 10 Hindi language. Students from CBSE, ICSE and other boards can refer to these class 10 exercises, and practice them. Students can contact us if they want to match their answers or if they are struggling in these exercises.
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